मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. लफ्ज़ों मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. ...
दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा। दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा।
ये प्यार वो नशा है जो हर किसी को होता नहीं! ये प्यार वो नशा है जो हर किसी को होता नहीं!
फिर उस बात को मैं रेत पर लिखने लगा, फिर उस बात को मैं रेत पर लिखने लगा,
ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको । ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको ।
तभी सब सच कहा करते, खुले चेहरे खुली किताब होते हैं, यह हंसी चेहरे हंसी चेहरे। तभी सब सच कहा करते, खुले चेहरे खुली किताब होते हैं, यह हंसी चेहरे हंसी चेह...